राष्ट्रीय मिर्गी दिवस: मिर्गी से जुड़ी सटीक जानकारी पाएं, ऐसे करें बचाव

राष्ट्रीय मिर्गी दिवस: मिर्गी से जुड़ी सटीक जानकारी पाएं, ऐसे करें बचाव

सेहतराग टीम

आज 18 नवंबर है और आज के ही हर साल राष्ट्रीय मिर्गी दिवस (National Epilepsy Day) मनाया जाता है। अक्सर देखा जाता है कि मिर्गी के के प्रति लोगों गलत धारणाएं और मान्यताएं हैं और ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग इस बीमारी के बारे पूरी तरह नहीं जानते हैं। इसीलिए हर साल लोगों को मिर्गी के प्रति जागरूक करने के लिए 18 नवंबर को National Epilepsy Day यानी राष्ट्रीय मिर्गी दिवस मनाया जाता है।

मिर्गी क्या है?

मेडिकल भाषा में अगर बात करें तो मिर्गी एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें मरीज के दिमाग में असामान्य तरंगे पैदा होती हैं। दिमाग में असंतुलन या गड़बड़ी होने के कारण व्यक्ति को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं। दिमाग के असंतुलित होने के कारण व्यक्ति का शरीर सही तरीके से काम नहीं करता है और उसका शरीर लड़खड़ाने लगता है।

मिर्गी के प्रकार:

  1. Generalized Epilepsy: इस तरह का दौरा तब पड़ता है जब मरीज के पूरे दिमाग में करंट फैलता है और मरीज बेहोश हो जाता है। यह दौरा सबसे कॉमन माना जाता है।
  2. Partial (focal) Epilepsy: इस दौरे में रोगी के मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में ही मिर्गी की गतिविधि होती है। इस अवस्था में करंट शरीर के एक हिस्से से निकलकर उसी हिस्से में बना रहता है। उदाहरण आंख में, दिमाग में हो सकता है।
  3. Absence Seizures: इसमें मरीज कोई हरकत नहीं करता। गुमसुम बैठा रहता है। हाथ हिलने लगता या मुंह हिलाने लगता है लेकिन बात नहीं करता।
  4. Complex Partial Seizures: इसके लक्षण भी कुछ-कुछ एब्सेंस सीजर की तरह ही होते हैं।

मिर्गी से जुड़े मिथक:

  1. अक्सर लोगों को लगता है कि मिर्गी ठीक नहीं होती है, लेकिन इसका इलाज संभव है। क्योंकि डॉक्टर के अनुसार 80-85 फीसदी मरीज दवा से ठीक हो जाते हैं। बाकी भी सर्जरी से ठीक हो जाते हैं।
  2. ये सब जानते हैं कि दवाओं के साइड इफेक्ट होते हैं वैसे ही मिर्गी की दवाओं के कुछ साइड-इफेक्ट्स होते हैं, जैसे कि सुस्ती, नींद ज्यादा आना, मानसिक धीमापन, वजन बढ़ जाना आदि। लेकिन जरूरत पड़ने पर डॉक्टर दवा में बदलाव कर देते हैं।
  3. यह पागलपन है- मिर्गी पागलपन बिल्कुल नहीं है। यह न्यूरो से जुड़ी एक बीमारी है, जिसका सही इलाज मिलने पर मरीज सामान्य जिंदगी जी सकता है।
  4. सामान्य जिंदगी नहीं जी सकता मरीज- मरीज सामान्य जिंदगी जी सकता है। बस उसे ड्राइविंग, स्वीमिंग या एडवेंचर स्पोर्ट्स जैसी कुछ चीजों से परहेज करना होता है।

मिर्गी के लक्षण:

  • आंखों के आगे अंधेरा छा जाना।
  • शरीर का अकड़ जाना।
  • मुंह से झाग आना।
  • अचानक गिर जाना।
  • बेहोश हो जाना।
  • आंखों की पुतलियों का ऊपर की तरफ खिंचना।
  • हाथ या पैर का लगातार चलना या झटके से लगना।
  • होंठ या जीभ काट लेना।

बचाव:

  1. दौरा पड़ने पर रोगी को सुरक्षित जगह पर एक करवट लेटा दें- कपड़े ढीले करें, खुली हवा में रखें और आसपास भीड़ न लगाएं- सिर के नीचे मुलायम कपड़ा रखें, दौरे के समय रोगी के मुंह में कुछ न डालें।
  2. पर्याप्त नींद, कच्ची सब्जियों से परहेज, साफ पानी से धुली सब्जियों को छीलकर खाने से मिर्गी से बचा जा सकता है।

 

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